गुरुवार, 22 अक्टूबर 2020

ज्ञानमार्ग की दीक्षा

ज्ञानमार्ग कार्यक्रम

नमस्ते,

दीक्षा का अर्थ है आरम्भ। निम्नलिखित कार्यक्रम उन साधकों के लिए है जो इस मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए एक व्यवस्थित विधि चाहते हैं। इस कार्यक्रम पर चलने का सुझाव दिया जा रहा है। यह पूर्णतया निशुल्क है। इसकी कोई निश्चित समयावधि नहीं है , अपनी गति और योग्यता के अनुसार चलें। 

मैं केवल मार्गदर्शन कर सकता हूँ, कोई चमत्कार नहीं होंगे। आपकी प्रगति आप पर ही निर्भर है , वीडियो और सत्संग में केवल प्रचलित ज्ञान है , कुछ विशेष नहीं। 

कोई अनुष्ठान नहीं, कोई देवता नहीं, कोई पूजा नहीं, कोई आसन नहीं, किसी भी प्रकार की शक्ति से नहीं खेलना है, कोई विशेष आहार नहीं, कोई ब्रह्मचर्य नहीं, कहीं भी यात्रा करने की आवश्यकता नहीं। सिर्फ शुद्ध ज्ञान, प्रमाण सहित, कोई उपदेश नहीं - सत्य आपके सामने है।

ज्ञानमार्ग पर शास्त्रोक्त विधि है : श्रवण, मनन, निदिध्यासन। 

ज्ञान साधना के ये तीन भाग हैं । प्रवचनों को सुनकर, उनके  सत्य को देखने के लिए मनन करना और सत्य का पालन करना, वह सब छोड़ देना जो असत्य और अनावश्यक है। तो चलिए शुरू करते हैं। 

This program is also available in English.


चरण # १ :

कार्यक्रम में नाम दर्ज कराने के लिए यहाँ आवेदन करें । 

ज्ञानमार्ग कार्यक्रम

निम्न निर्देश यहाँ चरण नामक पृष्ट पर भी उपलब्ध हैं।  

चरण # २ :

मूल ज्ञान अत्यावश्यक है , सम्पूर्ण श्रृंखला सुन लें। 

२.१ - क्रमानुसार देखें , बीच बीच से नहीं। 

२. - सबसे अच्छा तरीका यह है कि एक दिन केवल एक भाग देखें और अपने शब्दों में मुख्य बिंदु लिखते जाएँ , और उस पर मनन करें। अगले दिन अपना लेख पढ़ें , कोई सुधार हो तो करें और जमा कर दें। 

२. - कोई प्रश्न हो तो वो भी लिख लें। "प्रश्न" के भाग में। 

२. - समीक्षा की जाएगी। इन लेखों को मैं पढूंगा और उचित सुझाव दूंगा। कोई गलती हो तो ठीक करें और फिर से जमा करें। 

२.५ - आप चाहें तो इंटरनेट पर साप्ताहिक सत्संग में आ सकते हैं। आपके प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए जायेंगे। आप इनको यूट्यूब पर भी सुन सकते हैं।  

सत्संग कार्यक्रम और संपर्क 

कृपया कोई और जानकारी जैसे फ़ोन नंबर , पता आदि न भेजें और सत्संग में अपनी व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान न पूछें। ये सब प्रकाशित किया जायेगा। 

प्रश्नोत्तर की श्रृंखला 


चरण # ३ : 

३.१ - ज्ञान का सत्यापन करें। ज्ञान के साधन और सत्य के मानदंड उपयोग में लाएं। 

३.२ - संशय होने पर या कुछ असत्य साबित होने पर उसे लिख लें और मुझसे चर्चा करें। 

३.३ - इस चरण में इंटरनेट पर साप्ताहिक सत्संग में आपकी उपस्थिति आवश्यक है।

३.४ - आपसे कुछ प्रश्न किये जा सकते हैं। उत्तर सही न हो तो चरण # २ में वापस भेज दिया जायेगा। 

३. - संतुष्टि न होने की स्थिति में ज्ञानमार्ग छोड़ दें। कोई और मार्ग आज़माएँ। 


चरण # ४ :

४.१ - साक्षीभाव रखें। चेतना बनाये रखें। हर समय अपने वास्तविक स्वरूप में रहें। यह साधना आजीवन चलेगी। 

४.२ - प्रयोग शुरू करें। कुछ प्रयोग वैकल्पिक हैं। 


चरण # ५ :

हर महीने आत्ममूल्यांकन करें। (वैकल्पिक)


चरण # ६ :

यदि आवश्यक हो तो सुधार या शुद्धिकरण करें। विघ्न दूर करें। (वैकल्पिक)


चरण # ७ :

७.१ - गुरुक्षेत्र से संपर्क करें।  ये आपकी योग्यतानुसार ही होगा। 

७.२ - ज्ञान का प्रकाश फैलाएं (वैकल्पिक)

सिखाने से आपका ज्ञान और तर्क पक्का होगा। गुरुक्षेत्र की कृपा होगी। ज्ञानदान से बड़ा कोई दान नहीं। 

माध्यम :

  • लेख : अपने लेख ब्लॉग या वेबसाइट आदि पर प्रकाशित करें। 
  • पुस्तकें : लेखों को पुस्तक रूप में प्रकाशित करें। 
  • पॉडकास्ट : ऑडियो पॉडकास्ट की सुविधा निशुल्क उपलब्ध है। यहाँ देखें। 
  • यूट्यूब : वीडियो प्रकाशित करें। 
  • बैठकें या कक्षाएं : ऑनलाइन सत्संग या घर में बैठकों का आयोजन करें। 

७.३ - इसके लिए पर्याप्त सहायता और मार्गदर्शन दिया जायेगा। उपरोक्त सुविधाएँ, मेरी सहायता, सारा पूरी तरह निशुल्क हैं। आपका कोई खर्चा नहीं है। 

७.४ - यहाँ शर्त ये है कि ज्ञानप्रसार सेवाभाव से हो, पूर्णतया निशुल्क हो और योग्य शिष्य को ही ज्ञान मिले। कुछ भी व्यावसायिक न हो। 

७.५  - आप अपना स्वयं का कार्यक्रम बना सकते हैं या इस कार्यक्रम का उपयोग कर सकते हैं। आप बोधि वार्ता की सामग्री को बिना किसी प्रतिबंध के उपयोग कर सकते हैं।


चरण #  ८ :

ज्ञानमार्ग कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर आपको प्रमाणपत्र मिलेगा। 


इस कार्यक्रम पर आपकी टिप्पणी / सुझाव / प्रतिक्रिया आदि का स्वागत है। कृपया उन्हें नीचे पोस्ट करें, या मुझे ईमेल करें।

मेरी शुभकामनायें आपके साथ हैं। 

धन्यवाद। 


आभारी 

तरुण प्रधान 

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